कंपनियां मार्केटिंग जॉब में अच्छे खासे पैसे भी देती है। आज के इस लेख में हम आपको मार्केटिंग क्या होती है मार्केटिंग मैनेजमेंट क्या है हिंदी में what is marketing in hindi, मार्केटिंग कितने प्रकार की होती है के बारे में पूरी जानकारी देंगे तो चलिए शुरू करते हैं।
आप कोई व्यवसाय कर रहें हैं या किसी कंपनी में नौकरी तो आपके पास मार्केटिंग के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। क्युकी अगर आप व्यवसाय कर रहे है तो ये आपके व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करती है और अगर आप कही मार्केटर पद पर नौकरी कर रहे है तो ये आपको पदोन्नति करने में मदद करती है।
मार्केटिंग क्या होती है what is marketing in hindi?
मार्केटिंग को हिंदी में विपणन कहते है। मार्केटिंग में हम किसी कंपनी के प्रोडक्ट या सर्विस की जानकारी लोगो तक पहुंचाते हैं। जिससे लोग कंपनी के बारे में जान सकें। लोगो के बीच आपकी पहचान बन सके। मार्केटिंग की आवश्यकता छोटे कारोबार से लेकर बड़ी बड़ी कंपनियों तक को होती है।
मार्केटिंग 2 तरीके से की जाती है एक ऑफलाइन और दूसरा ऑनलाइन। ऑफलाइन में बाजार में प्रचार करके मार्केटिंग की जाती है और ऑनलाइन में इंटरनेट और टीवी चैनल के माध्यम से मार्केटिंग की जाती है। मार्केटिंग के जरिए आप दूर बैठे हुए लोगो तक भी जानकारी पहुंचा सकते हैं।
मार्केटिंग को इस तरीके से किया जाता है जिस से लोग आकर्षित हो। कंपनी में मार्केटिंग की जॉब के लिए या व्यवसाय को बढ़ाने के लिए मार्केटिंग की अच्छी जानकारी होना जरूरी है।
मार्केटिंग में चार अलग अलग प्रकार के तत्व होते है जो इस प्रकार हैं :
1. Product & Service – सबसे पहले प्रोडक्ट या सर्विस का चुनाव करना होता है जिसकी आपको मार्केटिंग करनी होती है।
2. Price – इसके बाद कीमत देखी जाती है।
3. Place – उसके बाद जगह कहां से ग्राहक आपके प्रोडक्ट या सर्विस खरीदेंगे।
4. Promotion – इसके बाद आप अपने प्रोडक्ट या सर्विस को लोगो तक कैसे पहुंचाएंगे।
सफल होने के लिए आपको इन चार प्वाइंट की जानकारी होना बेहद जरूरी है।
Product (उत्पाद)
आपको पहले ये जानना जरूरी है की आप क्या बेचने जा रहे है। आपको लोगो की जरूरत के बारे में पता होना चाहिए आखिर लोगो की जरूरत क्या है लोगो की जरूरत के हिसाब से अपने प्रोडक्ट का चुनाव करें।
अगर आप लोगो की जरूरत के हिसाब से प्रोडक्ट का चुनाव करेंगे तो लोगो के प्रोडक्ट खरीदने की संभावनाएं बढ़ जाती है और अच्छे प्रोडक्ट का चुनाव करें जिस से वो दूसरे लोगो को बताएंगे तो आपके प्रोडक्ट और ज्यादा बिकेंगे।
प्रोडक्ट का चुनाव करते समय इन बातों का ध्यान रखें :
- आपका प्रोडक्ट सभी ग्राहकों के अनुकूल होना चाहिए।
- आप जिस प्रोडक्ट का चुनाव कर रहें है वो नया है या पहले से ही बाजार में उपलब्ध है।
- अगर पहले से ही बाजार में उपलब्ध है तो लोग आपका प्रोडक्ट क्यों खरीदेंगे।
- अगर नया प्रॉडक्ट है तो लोगो को आपके प्रोडक्ट की आवश्यकता क्यों है।
- मार्केट में पहले से मौजूद प्रोडक्ट से अच्छा और कम कीमत में प्रोडक्ट को लॉन्च कैसे करें।
Price (कीमत)
आपके प्रोडक्ट की कीमत बहुत मायने रखती है क्युकी लोग प्रोडक्ट लेने से पहले कीमत ही देखते है कि वो उसे खरीद पाएंगे या नहीं। यदि आप मार्केट में पहले से मौजूद प्रोडक्ट से सस्ते में प्रोडक्ट लॉन्च करेंगे तो आपके प्रोडक्ट बिकने के चांस ज्यादा होंगे।
अगर आप मार्केट में पहले से मौजूद प्रोडक्ट से ज्यादा कीमत में बेचेंगे तो आपके प्रोडक्ट बिकना मुस्किल है। इसलिए कीमत बहुत मायने रखती है बस एक बात का ध्यान रखें कीमत के चक्कर में प्रोडक्ट की गुणवत्ता खराब न हो।
अपने प्रोडक्ट की सही कीमत के लिए आपको इन बातो पर ध्यान देना है, प्रोडक्ट को बनाने के लिए लागत कितनी लग रही है, आपके प्रतियोगी के प्रोडक्ट की कीमत कितनी है, ग्राहक आपके प्रोडक्ट को कितने पैसे में खरीदने को तयियार है।
Place (जगह)
इस पर विचार करें की ग्राहक आपका प्रोडक्ट कैसे खरीदेंगे। आप अपने प्रोडक्ट को ग्राहक तक कैसे पहुंचाएंगे ऑनलाइन या ऑफलाइन, आप ऑनलाइन तरीके से सीधे ग्राहक को बेचेंगे या थोक के हिसाब से थोक विक्रेता को देंगे। इस पर विचार आवश्य करें।
Promotion (विज्ञापन)
लोगो को आपके प्रोडक्ट के बारे में कैसे पता चलेगा। यहां पर Promotion का तात्पर्य विज्ञापन से है किस प्रकार से विज्ञापन करना है और विज्ञापन में कितना खर्चा आएगा इन सब के लिए आपको ये जानना भी जरूरी है विज्ञापन के तरीके क्या क्या हैं।
जैसे समाचार, टीवी, रेडियो, पत्रिकाएं, डिजिटल विज्ञापन जैसे एसईओ, सोशल मीडिया विज्ञापन आप विज्ञापन के लिए कोई भी तरीका अपनाएं बस आपको ये देखना है की कम खर्च में आप अपने प्रोडक्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक कैसे पहुंचाएंगे।
मार्केटिंग कितने प्रकार की होती है Types of marketing in hindi
आज के समय में मार्केटिंग के लिए विभिन्न प्रकार उपलब्ध है आप सभी का उपयोग कर सकते हैं मार्केटिंग निम्न प्रकार से होती है :
प्रिंट और मीडिया मार्केटिंग (Traditional Marketing)
मार्केटिंग का यह तरीका सदियों से चला आ रहा है जैसे आपने देखा होगा टीवी, न्यूज चैनल, समाचार पत्र में विज्ञापन दिखाई जाते है वो सब इसी के अंतर्गत आते हैं मार्केटिंग में प्रिंट मीडिया सबसे लोकप्रिय है।
डिजिटल मार्केटिंग कितने प्रकार की होती है?
आजकल इसका चलन बहुत बढ़ गया है यह मार्केटिंग इंटरनेट की मदद से की जाती है जैसे
- सर्च इंजन मार्केटिंग – इस मार्केटिंग में हमारे प्रोडक्ट को सर्च इंजन में दिखाना होता है यह मार्केटिंग बहुत ही काम आती है अगर हमारे प्रोडक्ट सर्च इंजन जैसे गूगल, बिंग, याहू, में पहले पेज पर दिखाई देते हैं तो इस से बहुत अच्छे परिणाम मिलते हैं।
- वीडियो मार्केटिंग – प्रिंट मीडिया से मिलती जुलती ही होती है इसमें प्रोडक्ट से रिलेटेड वीडियो बनाकर इंटरनेट के माध्यम से लोगो तक पहुंचाया जाता है अगर वीडियो मार्केटिंग सही से किया जाए तो ये आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होगा इस से लोग ज्यादा आकर्षित होते है और आपके प्रोडक्ट के बिकने के चांस बढ़ जाते हैं।
- ब्लॉग मार्केटिंग – डिजिटल मार्केटिंग में ब्लॉग मार्केटिंग बहुत अहम भूमिका निभाती है। ब्लॉग मार्केटिंग में हम प्रोडक्ट के बारे में सारी जानकारी लिखते हैं फिर उसे अलग अलग प्रकार की साइट पर प्रमोट करते हैं इसे ही ब्लॉग मार्केटिंग कहते हैं।
- सोशल मीडिया मार्केटिंग – ये भी इंटरनेट के जरिए की जाने वाली डिजिटल मार्केटिंग है आज के समय में ऐसा ही कोई व्यक्ति होगा जो इंटरनेट ना यूज करता हो और उसे सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, के बारे में ना पता हो बस अपने प्रोडक्ट को इन्हीं सोशल मीडिया साइट्स पर प्रमोट करना होता है इसे ही सोशल मीडिया मार्केटिंग कहते हैं।
B2B बिजनेस टू बिजनेस मार्केटिंग
इस मार्केटिंग में हम पहले से चल रहे व्यवसाय के लिए अपने प्रोडक्ट का प्रचार प्रसार करते हैं। इसमें हम ऐसे थोक विक्रेता का चुनाव करते है जो हमारे प्रोडक्ट को बेच सकें। अगर ऑनलाइन की बात करें तो इसमें हम ट्रेड इंडिया, इंडिया मार्ट आदि बड़ी वेबसाइटों का चुनाव करते हैं।
B2C बिजनेस टू कंज्यूमर मार्केटिंग
इस मार्केटिंग में हम सीधे ग्राहक को टारगेट करते हैं इस मार्केटिंग में हम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनो तरीको में अलग अलग प्रकार से कर सकते हैं।
C2B कंज्यूमर टू बिजनेस मार्केटिंग
यह मार्केटिंग बिजनेस टू कंज्यूमर के बिलकुल विपरीत है इस मार्केटिंग में हम ग्राहकों को अपने बिजनेस तक लाना होता है इसमें ग्राहक कंपनी किए प्रोडक्ट और सेवाएं देते हैं।
C2C कंज्यूमर टू कंज्यूमर मार्केटिंग
यह मार्केटिंग वह मार्केटिंग होती है जिसमे ग्राहक अपने सह उपभोगताओ के साथ बात चीत कर सकते है वह प्रोडक्ट या सेवा एक दूसरे के साथ शेयर कर सकते हैं इसमें एक ग्राहक दूसरे ग्राहक के साथ बिजनेस कर सकता है उदहारण लेट्स गो ऐप, ऑफर अप हैं।
सेल्स और मार्केटिंग में क्या अंतर है?
अभी तक आपने जाना मार्केटिंग क्या है इसके साथ साथ आपको ये जानना भी जरूरी है सेल्स और मार्केटिंग में क्या अंतर है। वैसे हर मार्केटिंग का परिणाम सेल्स और परमोसन ही होता हैं।
जब हम किसी प्रोडक्ट की मार्केटिंग करतें है वह चाहे ऑनलाइन हो या ऑफलाइन तो हम उसकी ब्रांडिंग करतें है प्रचार प्रसार करते है ये मार्केटिंग होता है।
पर सेल्स का मतलब बिचना जो काम सेल्स विभाग में बैठे लोगो द्वारा किया जाता है जो प्रोडक्ट को ग्राहकों तक पहुंचाने का काम करते हैं तो सेल्स और मार्केटिंग में ये अंतर हैं।
नए प्रोडक्ट की मार्केटिंग कैसे करें?
बिना जानकारी लिए लोग काम तो शुरू कर देते है लेकिन उन्हें बाद में दिक्कत आती है की वह अपना प्रोडक्ट नहीं बेच पा रहे हैं लोग उनका प्रोडक्ट नही खरीद रहे हैं वो इसलिए होता है क्युकी उन्हे मार्केटिंग की जानकारी नही होती हैं।
किसी भी कंपनी या व्यापारी के लिए सबसे मुश्किल काम यही होता है की नए उत्पाद को लोगो तक पहुंचाना। यदि हम समय पर अपने प्रोडक्ट और सर्विस की जानकारी लोगो तक नहीं पहुंचा पाए तो हम अपनी उम्मीद के अनुसार मुनाफा नही कमा पाएंगे।
इसलिए ये जरूरी है कि आप एक ऐसी टीम बनाएं जो मार्केटिंग स्किल्स को अच्छे से जानती हो जिन्हे पता हो न्यू प्रोडक्ट की मार्केटिंग कैसे करें?
नए उत्पाद या सेवा को बाजार में लोगो तक पहुंचाने के लिए आप ये तरीके अपना सकते हैं तो चलिए जानते हैं नए उत्पाद की मार्केटिंग करने के तरीके :
ग्राहक को समझना –
आपको प्रोडक्ट बनाने से पहले ग्राहक की तरफ ध्यान देना होगा आपको ग्राहक को समझना होगा। रिसर्च करना होगा की आखिर ग्राहक चाहता क्या है उसकी जरूरत क्या है।
उदहारण के तौर पर मान लो आपने एक प्रोडक्ट बनाया लेकिन उस प्रोडक्ट से ग्राहक को कोई फायदा नही होने वाला तो वो क्यों आपका प्रोडक्ट खरीदेंगे।
और अगर आप अपने प्रोडक्ट को सही ग्राहकों तक नहीं पहुंचाएंगे तो भी आप अपना प्रोडक्ट नही बेच पाएंगे उदहारण के तौर पर मान लो आपने एक दवाई बनाई है और आप उसे मेडिकल में न सेल करके किराने की दुकान पर सेल कर रहे हैं तो कौन आपका प्रोडक्ट खरीदेगा कोई नही क्युकी किराने की दुकान पर लोग राशन लेने आते है दवाई नहीं। इसलिए प्रोडक्ट के अनुसार ग्राहक तक पहुंचाए।
प्रोडक्ट के बारे में जानें –
आपको सिर्फ ग्राहक को ही नही जानना है आपको अपने प्रोडक्ट के बारे में भी जानना है अपने प्रोडक्ट की जानकारी रखना आपके लिए बहुत जरूरी होता है जब आपका प्रोडक्ट नया है।
एक अच्छा प्लान तैयार करें –
जब हम अपने ग्राहक और प्रोडक्ट के बारे में जान जाते है तब समय आता है एक अच्छा प्लान बनाने का इस प्लान में आपको सभी छोटी बड़ी बातो का ध्यान रखना है जैसे
- आपको प्रोडक्ट से कितना लाभ कमाना है और कितने समय में कमाना हैं।
- आपको अपना प्रोडक्ट कितनी कीमत में बाजार में लाना हैं।
- आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एक साल के अंदर कितने प्रोडक्ट बेचने होंगे।
- आपकी टीम में कितने लोग होंगे
- क्या आपका प्रोडक्ट ऐसा है जिसे लोग एक बार खरीदने के बाद बार बार खरीदेंगे।
- प्रोडक्ट को एक बार खरीदने के बाद ये कितने समय तक चलेगा
- क्या आपके पास पुराने ग्राहक है जो आपके प्रोडक्ट को लॉन्च होते ही खरीद लेंगे।
- अगर कोई मुश्किल आती है तो आप इस से कैसे निपटेंगे।
अब आप जान गए होंगे उत्पाद की मार्केटिंग के लिए एक प्लान होना कितना जरूरी है एक बात का और ध्यान रखें ये जरूरी नही की कोई भी नया प्रॉडक्ट पहली बार में ही सफल हो जायेगा इस से आपको हार नही माननी है क्युकी इस से आपने जो आपने गलती की है वो पता चल जायेंगी और आप उन्हीं गलतियों को सुधारते हुए फिर से कोशिश कर सकते हैं।
ग्राहकों को समझाने के लिए एक आकर्षित विवरण बनाएं –
विवरण से मतलब है प्रोडक्ट की जानकारी आकर्षण तरीके से लोगो को समझना। अगर ग्राहक ही आपके प्रोडक्ट को नही समझ पा रहा है तो आप प्रोडक्ट कैसे बेचेंगे इसलिए ग्राहकों को समझाने के लिए एक आकर्षित विवरण बनाएं।
आप खुद सोचिए एक प्रेशर कुकर बेचने वाला सेल्समैन आपके घर आया और उसने कहा हैलो हमारे पास बहुत बढ़िया प्रेसर कुकर है तो क्या आप ये सुनकर प्रेसर कुकर खरीद लोगे नहीं ना आप ही क्या ऐसे कोई नही खरीदेगा।
क्या आप भी चाहते है आपके प्रोडक्ट के साथ ऐसा हो कोई आपका प्रोडक्ट नही खरीदे इसलिए आपको अपने प्रोडक्ट को लोगो को समझाने के लिए एक आकर्षित विवरण बनाना होगा।
कोई आपका प्रोडक्ट इसलिए नही खरीदेगा क्युकी वो प्रेसर कुकर है बल्कि इसलिए कि आप उसे उसी तरीके से बेच रहे है जैसे सब बेचते हैं इसलिए आप प्रोडक्ट की जानकारी लोगो तक इस तरीके से पहुंचाए जो उन्हें आकर्षित करें
- सबसे पहले प्रोडक्ट की पैकेजिंग पर ध्यान देना है पैकेजिंग पर प्रोडक्ट की सारी जानकारी लिखी हुई होनी चाहिए।
- अपनी कंपनी की प्रोडक्ट सर्विस के बारे में लोगो को बताएं कि मार्केट में पहले से मौजूद कंपनी के प्रोडक्ट सर्विस से आपकी सर्विस ज्यादा है
- आप शुरू में कम मुनाफे से अपना प्रोडक्ट मार्केट में लॉन्च करे जब आपके प्रोडक्ट बिकने लगे तब आप मुनाफा बढ़ा सकते हैं।
पैड एडवरटाइजिंग –
आपको टीवी, समाचार पत्र, रेडियो, पत्रिकाएं आदि पर विज्ञापन देखे होंगे आपको इनका इस्तेमाल करना है आपको डिजिटल मार्केटिंग का उपयोग करना है आपने फेसबुक, सर्च इंजन, और वेबसाइट्स पर देखा ही होगा एड शो होती है यही पैड एडवरटाइजिंग होती है।
कॉस एडवरटाइजिंग –
कॉस एडवरटाइजिंग में कंपनी आपके प्रोडक्ट को सामाजिक कारण और मुद्दे के साथ मिलकर प्रचार प्रसार करती है।
रिलेशनशिप मार्केटिंग –
इस मार्केटिंग में कंपनी अपने ग्राहकों के साथ एक अच्छे संबंध बनाकर रखती है और अच्छी सेवाए प्रदान करवाती है जिससे कंपनी और ग्राहक के बीच अच्छा संबंध बना रहता है।
ट्रेडिशनल मार्केटिंग –
ट्रेडिशनल मार्केटिंग के अंतर्गत कंपनी अपने ग्राहकों को भरी डिस्काउंट, कूपन कार्ड आदि देकर लुभाती है इस से ग्राहक प्रोडक्ट को खरीदते है और ज्यादा बिक्री होती है।
मार्केटिंग व्यवसाय के साथ कैसे काम करती है?
मार्केटिंग व्यवसाय से अलग नही है ये सम्पूर्ण व्यवसाय के साथ मिलकर ही काम करती है जैसे –
- खोज और प्रोडक्ट बनाने वाली टीम का ध्यान ऐसा प्रोडक्ट बनाने में होना चाहिए जो ग्राहकों की जरूरतों को पूरा कर सके।
- मांग को पूरा करने के लिए टीम सक्षम होनी चाहिए और प्रोडक्ट को गुणवत्ता के साथ बनाने में सक्षम होनी चाहिए।
- फाइनेंशियल टीम ऐसी होनी चाहिए जो प्रोडक्ट की सही कीमत तय कर पाए।
- ह्यूमन रिस्पॉन्स टीम ऐसी होनी चाहिए जो आपकी कंपनी की अच्छी छवि बनाए रखें
- पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ऐसी टीम बनाएं जो आपके प्रोडक्ट की पैकिंग अच्छी बना सके जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान न पहुंचे।
मार्केटिंग मैनेजमेंट क्या है?
मार्केटिंग मैनेजमेंट उन तकनीकों, विचारो और कार्यों पर काम करता है जिनका प्रयोग कंपनी अपने प्रोडक्ट के मार्केटिंग के लिए करती है।
कंपनी को कौन सा प्रोडक्ट बनाना चाहिए, कैसे बनाएगी, कहां से बनाएगी, कितने का बेकेगी, कैसे बिकेगा, ये सब मार्केटिंग मैनेजमेंट के अंदर ही आती हैं।
मार्केटिंग मैनेजर/सेल्समैन के लिए टिप्स:
एक मार्केटिंग मैनेजर और सेल्समैन के लिए कम्पनी के प्रोडक्ट की बिक्री करवाना ही जरूरी काम है आप नीचे बताई हुई टिप्स को फॉलो करके एक अच्छे मार्केटिंग मैनेजर, सेल्समैन बन सकते हैं :
- एक मार्केटिंग मैनेजर के पास बहुत सारी जिम्मेदारियां होती है उसे मार्केटिंग टीम का नेतृत्व करना होता है जिस से कंपनी के प्रोडक्ट की सेल्स को बढ़ा सके एक मार्केटिंग मैनेजर बनने के लिए आपके पास 3 साल का मार्केटिंग अनुभव होना चाहिए।
- एक सेल्समेन के तौर पर आपको पता होना चाहिए आपके ग्राहक कौन है अगर आपको आपके ग्राहक के बारे में मालूम है तो आपको सेल्स करने में आसानी होगी।
- आपको कोई ऐसा तरीका मालूम है जो आपकी सेल्स बढ़ाने में काम आने वाला है तो आपको उस तरीके का इस्तेमाल करते रहना चाहिए इस से आपका समय भी बचेगा और आप सेल्स भी बढ़ा पाएंगे।
- जिस प्रोडक्ट को आपको बेचना है उसके बारे में पूर्ण जानकारी हासिल कर लें अगर आपको प्रोडक्ट की पूरी जानकारी नही है तो ग्राहक ने आपसे कोई प्रश्न कर दिया तो आप क्या जवाब देंगे इसलिए प्रोडक्ट की पूरी जानकारी लेने के बाद ही बेचें।
- जिन लोगों को आपने पहले प्रोडक्ट बेचा है उनसे संपर्क में रहें जिस से उन्हे दुबारा प्रोडक्ट चाहिए होगा तो वो आपसे संपर्क कर सकें।
- आप ग्राहकों की बात को ध्यान से सुने वो कहना क्या चाह रहे है और समझे फिर उत्तर दे इस से आपको ही फायदा होगा।
- सेल्स बढ़ाने के लिए एडवरटाइजिंग का इस्तेमाल करें ये सबसे कारगार तरीका है सेल्स को बढ़ाने के लिए आप एडवरटाइजिंग के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनो तरीको का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मार्केटिंग सीखने के लिए किताबें – best marketing books for beginners 2023
जैसे की आप सब जानते ही है किताबें जिनसे हमे ज्ञान मिलता है तो आपके लिए हम ऐसी बढ़िया किताबो की सूची लेकर आए हैं जिन्हे पढ़कर आप मार्केटिंग मैनेजमेंट, मार्केटिंग सिख सकते है ये किताबें उनके द्वारा लिखी गई है जिनको मार्केटिंग में महारथ हासिल है :
- Marketing Management Philip Kotler and Kevin Lane
- This is Marketing Seth Godin
- Blue Ocean Strategy W.Chan Kim and Renee Mauborgne
- Marketing Chronicles Nimish V. Dwivedi
- Digital Marketing Seema Gupta
- Marketing Research : An Applied Orientation
- Naresh K.Malhotra and Satyabhushan Das
FAQ
यूट्यूब मार्केटिंग कैसे करते हैं?
सबसे पहले यूट्यूब पर अपना एक चैनल बनाइए फिर वीडियोस के जरिए लोगो तक अपने प्रोडक्ट और सर्विस की जानकारी दीजिए।
मार्केटिंग के 4 प्रकार क्या हैं?
मार्केटिंग के चार प्रकार उत्पाद, मूल्य, स्थान, और प्रचार हैं।
ऑफलाइन मार्केटिंग में क्या चाहिए?
ऑफलाइन मार्केटिंग के लिए आपको कंपनी का प्रोडक्ट या सर्विस चाहिए होगा जिसकी आप मार्केटिंग करेंगे।
मार्केटिंग का उद्देश्य क्या है?
मार्केटिंग का उद्देश्य किसी कंपनी के प्रोडक्ट या सर्विस को लोगो तक पहुंचाना होता है जिससे कंपनी की सेल्स बढ़ें।
सेल्स मार्केटिंग क्या है?
सेल्स मार्केटिंग में हमे कंपनी के प्रोडक्ट और सर्विसेस को लोगो को बेचना होता है ये मार्केटिंग सेल्स को ध्यान में रखकर की जाती है।
ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए क्या चाहिए?
ऑनलाइन मार्केटिंग के लिए आपके पास मोबाइल या लैपटॉप, कम्प्यूटर होना चाहिए और कंपनी के प्रोडक्ट और सर्विस की जानकारी।
Conclusion
यहां तक लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद। आज मैने आपको मार्केटिंग क्या होती है, मार्केटिंग कितने प्रकार की होती है, मार्केटिंग कैसे करें और मार्केटिंग टिप्स के बारे में हिंदी और सरल शब्दों में जानकारी दी, उम्मीद करता हूं आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी समझ आई होगी।
कॉमेंट के माध्यम से अपनी राय देना ना भूलें। और अपने दोस्तो को भी शेयर करना ना भूलें। फिर मिलते है ऐसी ही किसी अच्छी जानकारी के साथ।